Breaking News

‘सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन पहले से फ्री, फिर मोदीजी कौन सी दे रहे मुफ्त’:कमलनाथ

कमलनाथ का केंद्र पर हमला- ‘सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन पहले से फ्री, फिर मोदीजी कौन सी दे रहे मुफ्त’

वैक्सीनेशन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्र की मोदी सरकार से कई सवाल किये हैं. उन्होंने कहा कि मोदी जी अगर आपने समय रहते 100 साल में आई सबसे बड़ी विपत्ति को पहचान लिया होता, तो देश में इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान नहीं जाती.

 

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मोदी सरकार के वैक्सीनेशन प्रोग्राम पर सवाल उठाए हैं.

भोपाल. 

वैक्सीनेशन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्र की मोदी सरकार से तीखे सवाल किये हैं. उन्होंने सोशल मीडिया के जरिये कहा है कि ‘सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन पहले भी मुफ्त लग रही थी और निजी अस्पतालों में पहले भी पैसा लिया जा रहा था. आम नागरिकों के लिए जो स्थिति पहले थी, वही अब है, तो आखिर प्रधानमंत्री जी ने कौन सी वैक्सीन मुफ्त की है?’

कमलनाथ ने कहा कि यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्‍योंकि टीकाकरण को लेकर केंद्र सरकार के पास असल में कोई योजना ही नहीं है. जिस देश में प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जमाने से टीकाकरण का काम केंद्र सरकार करती आई है, वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले तो यह काम राज्‍यों पर डाल दिया. उसके बाद राज्‍यों ने ग्‍लोबल टेंडर जारी किये. मध्‍य प्रदेश सरकार ने भी इस आशय की घोषणा की. सुप्रीम कोर्ट से फटकार पड़ने के बाद अब प्रधानमंत्री ने 21 जून से टीकाकरण का काम केंद्र के जिम्‍मे करने की बात कही है. दूसरी तरफ मध्‍य प्रदेश में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है. सीमित टीकाकरण और लॉकडाउन की समाप्ति गंभीर चुनौती लेकर आ रही है.

कमलनाथ, पीएम मोदी कांग्रेस का इतिहास, जीवन का संकट, वैक्सीनेशन, 18 साल से अधिक, मध्य प्रदेश, 21 जून से फ्री वैक्सीन, न्यूज अपडेट Kamal Nath, PM Modi Congress's history, life's crisis, vaccination, more than 18 years, Madhya Pradesh, free vaccine from June 21, news updates

वैक्सीनेशन को लेकर कमलनाथ ने किये सवाल.

कांग्रेस सरकार ने देश को गंभीर बीमारियों के टीके के निर्माण में सक्षम बनाया 
आज़ादी के बाद से ही कांग्रेस सरकार ने देश को बीसीजी, चेचक के अलावा पोलियो, रेबीज, डिप्थीरिया, टिटनेस जैसी गंभीर बीमारियों के टीके के निर्माण में सक्षम बना दिया था. 1978 में भारत के राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान से दुनिया भर ने सीखा. अपनी नाकामी का ठीकरा दूसरों पर फोड़ने की बजाय , इस इतिहास व सच्चाई को पढ़ लेते तो शायद आज देश में जीवन को लेकर ऐसा संकट नही आता और ना वैक्सीन को लेकर हमारे देश की यह स्थिति होती ? मोदी जी अगर आपने समय रहते 100 साल में आई सबसे बड़ी विपत्ति को पहचान लिया होता, तो देश में इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान नहीं जाती. समय रहते वैक्सीनेशन हो सकता था, लेकिन तब आप रैलियों में व्यस्त रहे.

सरकार के कुप्रबंधन का खामियाजा भुगत रही है जनता 

इधर, मध्य प्रदेश की मध्य प्रदेश सरकार पर भी हमलावर होते हुए कमलनाथ ने कहा कि मध्‍यप्रदेश सरकार जिस तरह से कोरोना वायरस महामारी से निपट रही है, उससे प्रदेश की जनता का दिल टूट रहा है. अपने कुप्रबंधन से निपटने का उपाय करने के बजाय शिवराज सरकार ने संक्रमित और मृत व्‍यक्तियों के आंकड़ों को छुपाने की ही बहादुरी दिखाई है. जब-जब कोई समस्‍या सामने आई तो सरकार ने हवाई घोषणाएं और सत्‍य बोलने वालों पर मुकदमा दर्ज करके उस समस्‍या को छुपाने का प्रयास किया.

मध्‍य प्रदेश में 6 जून 2021 के आंकड़ों पर विश्‍वास करें तो 1.11 करोड़ लोगों को टीके की एक डोज और महज 18.57 लाख लोगों को वैक्‍सीन की दूसरी डोज लगी है. प्रदेश की जनसंख्‍या के अनुपात में देखें तो 15.25 फीसदी लोगों को टीके का एक डोज और 2.53 फीसदी लोगों को टीके के दोनों डोल लगे हैं.

डोनेट करें - जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर क्राइम कैप न्यूज़ को डोनेट करें.
 
Show More

Related Articles

Back to top button
Close