दिल्ली

सड़क हादसों पर सरकार सख्त, 500 मीटर दायरे में दोबारा हादसा तो ठेकेदार पर 50 लाख तक जुर्माना

सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव वी उमाशंकर ने बताया कि मंत्रालय ने बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) मॉडल से बने राजमार्गों के लिए अनुबंध दस्तावेजों में संशोधन किया है। अब ठेकेदारों को हादसे की स्थिति में क्रैश मैनेजमेंट और सुधारात्मक कदम उठाना अनिवार्य होगा।

 

सड़कों पर हादसों और जानमाल की हानि को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने फैसला किया है कि यदि किसी राष्ट्रीय राजमार्ग के एक ही हिस्से पर एक वर्ष में एक से अधिक सड़क हादसे होते हैं, तो निर्माण करने वाले ठेकेदार पर 25 से 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव वी उमाशंकर ने बताया कि मंत्रालय ने बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) मॉडल से बने राजमार्गों के लिए अनुबंध दस्तावेजों में संशोधन किया है। अब ठेकेदारों को हादसे की स्थिति में क्रैश मैनेजमेंट और सुधारात्मक कदम उठाना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा, अगर किसी 500 मीटर के दायरे में एक वर्ष में एक से अधिक हादसे होते हैं, तो ठेकेदार पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। यदि अगले वर्ष भी हादसा होता है, तो यह जुर्माना 50 लाख रुपये तक बढ़ जाएगा। उमाशंकर ने बताया कि देशभर में लगभग 3,500 ब्लैक स्पॉट यानी दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्र चिह्नित किए गए हैं।

हादसे के शिकार लोगों के लिए कैशलेस इलाज योजना जल्द शुरू की जाएगी
इसके अलावा, मंत्रालय देशभर में सड़क हादसे के शिकार लोगों के लिए कैशलेस इलाज योजना भी जल्द शुरू करने जा रहा है। योजना के तहत सड़क दुर्घटना पीड़ितों को नामित अस्पतालों में पहले सात दिनों तक अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज उपलब्ध कराया जाएगा।

यह योजना इस साल मार्च में चंडीगढ़ में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई थी, जिसे बाद में छह राज्यों तक बढ़ाया गया। मंत्रालय का कहना है कि यह कदम समय पर इलाज न मिलने से होने वाली सड़क दुर्घटना जनित मौतों को कम करने में मदद करेगा।

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