Breaking News

नशीले पदार्थों का काम करने वाले लोग सैकड़ों बेगुनाहों की मौत के लिए उत्तरदायी: उच्चतम न्यायालय

उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि मादक पदार्थों का काम करने वाले लोग बेगुनाह कमजोर लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार होते हैं और यदि कोई आरोपी गरीब है तथा अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला है, महज इसलिए उसे कम सजा नहीं दी जा सकती।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने ‘स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ’ (एनडीपीएस) कानून के मामले में सजा सुनाते हुए कहा कि पूरे समाज के हित को ध्यान में रखना होगा। पीठ ने कहा, ‘‘अपराध जगत की संगठित गतिविधियों और मादक पदार्थों की इस देश में तस्करी से जनता के एक वर्ग में, खासतौर पर किशोरों एवं छात्र-छात्राओं के एक वर्ग के बीच मादक पदार्थों की लत पैदा होती है तथा पिछले कुछ सालों में यह समस्या गंभीर और चिंताजनक हो गयी है।’’

गुरदेव सिंह नामक व्यक्ति की अपील पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने यह टिप्पणी की। सिंह ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के एक फैसले को चुनौती दी, जिसमें एनडीपीएस कानून की धारा 21 के तहत दंडनीय अपराध के लिए दोषसिद्धि को बरकरार रखा गया था। दोषी को 15 वर्ष की कैद तथा दो लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गयी थी।

आरोपी के वकील ने दलील दी थी कि न्यूनतम 10 साल की कैद की सजा के मुकाबले 15 साल की सजा अधिक है और विशेष अदालत या उच्च न्यायालय ने इसके लिए कोई वजह नहीं बताई। उन्होंने कहा कि अपीलकर्ता ने पहली बार अपराध किया है और गरीब है तथा वह केवल मादक पदार्थ लेकर गया था।

शीर्ष अदालत ने कहा कि यह बात दिमाग में रखनी चाहिए कि हत्या के मामले में आरोपी एक या दो लोगों की हत्या करता है, वहीं मादक पदार्थों का लेन-देन करने वाले लोग कई बेगुनाह और कमजोर लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार होते हैं और इससे समाज पर घातक असर पड़ता है। पीठ ने अपील को खारिज कर दिया।

डोनेट करें - जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर क्राइम कैप न्यूज़ को डोनेट करें.
 
Show More

Related Articles

Back to top button
Close