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‘पहलगाम हमले पर जवाब के लिए सरकार की रणनीति स्पष्ट नहीं’; सीडब्ल्यूसी बैठक में बोले खरगे

कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में पहलगाम आतंकी हमले और जाति जनगणना के मुद्दे पर चर्चा हुई। सूत्रों ने बताया कि बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई और जाति जनगणना के लिए धन आवंटन की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित किए जा सकते हैं।

 

नई दिल्ली

कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की महत्वपूर्ण बैठक में शुक्रवार को पहलगाम आतंकी हमले और केंद्र सरकार की ओर से किए गए जाति जनगणना के एलान पर चर्चा की गई। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने गुरुवार को पत्रकारों को बताया था कि सीडब्ल्यूसी इन दोनों अहम मुद्दों पर बैठक में चर्चा करेगी।

सूत्रों के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी की इस बैठक में दो प्रस्ताव पारित किए जा सकते हैं। पहले प्रस्ताव में पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग की जा सकती है। दूसरे प्रस्ताव में जल्द जाति जनगणना के लिए धन आवंटन की मांग की जा सकती है। बैठक में यह भी मांग उठाई जा सकती है कि संविधान में संशोधन करके आरक्षण पर लगी 50 फीसदी की सीमा को हटाया जाए। साथ ही सरकार से यह अपील भी की जा सकती है कि अनुच्छेद 15(5) को लागू किया जाए, जो निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण का प्रावधान करता है।

 

सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मौजूद
बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने की। इसमें पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी,  राहुल गांधी, संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल और कोषाध्यक्ष अजय माकन समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। यह बैठक ऐसे समय पर हुई है, जब केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि अगली जनगणना में जाति के आंकड़ों को भी शामिल किया जाएगा। ऐसा देश की आजादी के बाद पहली बार होगा।

कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक में क्या कहा
कांग्रेस प्रमुख खरगे ने कहा कि केंद्र के पास पहलगाम आतंकी हमले के बाद की स्थिति से निपटने की कोई स्पष्ट रणनीति नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर पूरा विपक्ष सरकार के साथ खड़ा है।

खरगे ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के दबाव और सच्चाई से उठाए गए मुद्दों के कारण सरकार को झुकना पड़ा। उन्होंने कहा, राहुल गांधी ने फिर साबित कर दिया कि अगर हम ईमानदारी से जनता के मुद्दे उठाते हैं, तो सरकार को झुकना ही पड़ता है। उन्होंने कहा कि पिछली सीडब्ल्यूसी बैठक में कांग्रेस ने आतंकवाद के खिलाफ सरकार को हरसंभव समर्थन देने की बात कही थी, लेकिन हमले के कई दिन बाद भी केंद्र की तरफ से कोई स्पष्ट रणनीति सामने नहीं आई।

उन्होंने बताया कि राहुल गांधी ने कानपुर में शहीद शुभम द्विवेदी के परिजनों से मुलाकात कर सरकार से उन्हें शहीद का दर्जा और सम्मान देने की मांग की। खरगे ने कहा, हम देश की एकता, अखंडता और समृद्धि को चुनौती देने वाली हर ताकत का मिलकर और सख्ती सें सामना करेंगे। इस मुद्दे पर पूरा विपक्ष सरकार के साथ है। हमने यह संदेश पूरी दुनिया को दिया है।

 

सीडब्ल्यूसी इससे पहले 24 अप्रैल को भी पहलगाम हमले को लेकर बैठक कर चुकी है, जिसमें उसने पाकिस्तान को इस हमले का मास्टरमाइंड बताया और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की थी।

पहलगाम हमला-जाति जनगणना पर राहुल गांधी ने क्या कहा
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पहले कहा था कि 22 अप्रैल के हमले में मारे गए 26 लोगों के दोषियों को सजा मिलनी चाहिए और प्रधानमंत्री को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने जाति जनगणना को लेकर सरकार के फैसले का स्वागत तो किया, लेकिन यह भी कहा कि 11 साल विरोध करने के बाद अब अचानक फैसला लेने के पीछे क्या मंशा है, यह स्पष्ट होनी चाहिए।

उन्होंने मांग की कि सरकार जाति जनगणना की प्रक्रिया पूरी करने के लिए एक स्पष्ट समय-सीमा तय करे, नहीं तो यह भी महिला आरक्षण विधेयक की तरह अधूरा रह सकता है। राहुल गांधी ने यह भी दावा किया कि सरकार ने कांग्रेस के दबाव में आकर ही जाति जनगणना का एलान किया है।

राहुल गांधी ने मोदी सरकार को जाति जनगणना के लिए किया मजबूर: गुजरात कांग्रेस
वहीं, गुजरात कांग्रेस के नेताओं ने केंद्र सरकार की ओर से अगली जनगणना में जातिगत गणना शामिल करने के फैसले का स्वागत किया और इसका श्रेय राहुल गांधी को दिया और कहा कि उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार को यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया।

पार्टी की शहर इकाई के अध्यक्ष हिम्मत सिंह पटेल और विधानसभा में उपनेता शैलेश परमार के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता पालडी स्थित राजीव गांधी भवन में जुटे और राहुल गांधी का आभार जताया।

केंद्र सरकार ने बुधवार को घोषणा की थी कि अगली जनगणना में जाति गणना को शामिल किया जाएगा। यह फैसला राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीपीए) ने लिया। सभा को संबोधित करते हुए हिम्मत सिंह पटेल ने कहा कि देश में सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए जाति जनगणना की मांग सबसे पहले राहुल गांधी ने की थी। उन्होंने यह मांग ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान उठाई थी।

पटेल ने कहा, ‘राहुल गांधी हमेशा जाति जनगणना का समर्थन करते रहे हैं, क्योंकि कांग्रेस देश में सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। लोकसभा चुनाव से पहले भी हमने यही मांग उठाई थी, जिसके कारण भाजपा सरकार अब जाति आधारित गणना को अगली जनगणना में शामिल करने के लिए मजबूर हुई है।’

 

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