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प्रियंका गांधी और AAP के संजय सिंह ने भी बोला हमला,कहा राम के नाम पर हो रही लूट :-अयोध्याः ज़मीन ‘घोटाला’

क्या है मामला: बता दें कि अयोध्या में जमीन लेने के मामले में स्थानीय विधायक, नौकरशाहों के करीबी रिश्तेदार बड़ी संख्या में शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 28 मई, 2020 को अयोध्या के मुगलपुरा में 320.631 वर्ग मीटर का एक भूखंड, जोकि राम मंदिर स्थल से बमुश्किल 1 किमी दूर था, वो यूपी के आईएएस अधिकारी अनुज झा के पिता बद्री झा के नाम पर पंजीकृत था। जिसकी लागत 23.40 लाख रुपये है।
द इंडियन एक्सप्रेस की पड़ताल में पाया गया है कि अयोध्या में भूमि लेन-देन में कम से कम 15 खरीदारों में स्थानीय विधायक, नौकरशाहों के करीबी रिश्तेदार, जो अयोध्या में हैं या सेवा कर रहे हैं, और स्थानीय राजस्व अधिकारी भी शामिल है जिनका काम ही भूमि लेनदेन को प्रमाणित करना था। रिकॉर्ड के मुताबिक, 15 व्यक्तियों द्वारा खरीदी गई कुल भूमि 70,826 वर्ग मीटर, लगभग 17 एकड़ है।

संजय सिंह ने कहा:

जिनके रिश्तेदारों ने जमीन खरीदी उनमें अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय, अयोध्या शहर के विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, गोसाईगंज के विधायक इंद्र प्रताप तिवारी (अब अयोग्य), तत्कालीन जिलाधिकारी अनुज झा, राज्य सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही, ओबीसी आयोग के सदस्य बलराम मौर्य भी शामिल हैं।
अयोध्या में राम मंदिर के पास जमीन लेने की होड़ में कई अधिकारियों व विधायकों का नाम आने के बाद योगी सरकार ने जांच के आदेश दिये हैं। इसको लेकर विपक्षी दल अब भाजपा पर हमलावर दिख रहे हैं। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने योगी सरकार की भूमिका पर सवाल खड़े किये हैं।

प्रियंका गांधी ने कहा कि राम मंदिर के आसपास की जमीन पर लूट लगी हुई है, भाजपा के नेता, पदाधिकारी और सरकारी अधिकारी लूट में मिले हुए हैं। भगवान राम नैतिकता के प्रतीक थे और आप उनके नाम पर भी भ्रष्टाचार कर रहे हैं, पूरे देश की आस्था पर चोट पहुंचा रहे हैं।
जांच का आदेश दिखावा: उन्होंने कहा कि दलितों की जो जमीन खरीदी नहीं जा सकती थी वो खरीदी व हड़पी गई और कुछ जमीनें ट्रस्ट को बहुत ज़्यादा पैसों के लिए बेची गईं। चंदे के पैसों के साथ घोटाला किया गया है। प्रियंका ने कहा कि अयोध्या भूमि ‘घोटाले’ में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जांच का आदेश सिर्फ एक दिखावा है।

मायावती ने क्या कहा: बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, “यह एक गंभीर मामला है। इस मामले में उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। बेहतर होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दखल दे। केंद्र सरकार को राज्य सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेने का निर्देश देना चाहिए।

 

 

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