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5 लाख तक वाली फ्री बीमा योजना का आयुष्‍मान कार्ड अब म‍िलेगा मुफ्त, इसको पाने के ल‍िए करना होगा बस यह काम

Ayushman Bharat scheme: अभी तक आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों को ई कार्ड बनवाना पड़ता है, जिसके लिए उन्हें कॉमन सर्विस सेंटर जाना पड़ता था. वहां प्रति लाभार्थी से 30 रुपए लिए जाते थे वो भी एक कागज पर डिटेल लिखकर देते थे लेकिन अब घर पर ही फ्री में कार्ड मिलेगा

आयुष्मान भारत योजना के तहत केंद्र सरकार आयुष्मान आपके द्वार अभियान चला रही है.

आयुष्मान भारत योजना के तहत केंद्र सरकार आयुष्मान आपके द्वार अभियान चला रही है. इस योजना के तहत अब घर -घर जाकर मुफ्त पीवीसी कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है. अभी कॉमन सर्विस सेंटर जाकर ई-कार्ड मिलता था, जहां 30 रुपये लगते थे. आयुष्मान योजना के तहत हर परिवार को इलाज के लिए साल में 5 लाख रुपए दिए जाते हैं्

क्या है योजना?
इस अभियान के तहत आपके घर जाकर डिटेल ली जाएगी और फिर कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा. यह कार्ड पीवीसी के तौर पर मिलेगा. खास बात यह है कि इसमें आपसे कोई पैसा नही लिया जाएगा. इस अभियान का मसकद है कि आयुष्मान भारत स्कीम के तहत आने वाले लोगों के पक्के कार्ड बन सके जिससे कि बीमारी के वक्त उनका अस्पताल में इलाज हो सके. इलाज में लगे उन्हें इंश्योरेंस के पैसे मिल सकें. आयुष्मान योजना के तहत हर परिवार को इलाज के लिए साल में 5 लाख रुपए दिए जाते हैं.

इस अभियान का नाम आयुष्मान आपके द्वार है. इस अभियान में राज्य सरकारें बढ़चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. न्यूज 18 इंडिया से खास बातचीत में नेशनल हेल्थ मिशन के सीईओ आर एस शर्मा ने बताया कि इस योजना को सफल बनाने में सबका योगदान मिल रहा है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़, बिहार, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश बढ़िया काम रहे हैं. अभी तक छत्तीसगढ़ में करीब 28 लाख कार्ड बनाए गए हैं. मध्य प्रदेश में 1 लाख 12 हज़ार, पंजाब में 39 हज़ार, यूपी में 1 लाख 53 हज़ार, बिहार में 17 हज़ार 500, हरियाणा में 9 हज़ार 600 और जम्मू कश्मीर में 13 हज़ार 800 कार्ड बनाए गए हैं.
अभी कैसे बनता है कार्ड

अभी तक आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों को ई कार्ड बनवाना पड़ता है, जिसके लिए उन्हें कॉमन सर्विस सेंटर जाना पड़ता था. वहां प्रति लाभार्थी से 30 रुपए लिए जाते थे वो भी एक कागज पर डिटेल लिखकर देते थे लेकिन अब घर पर ही फ्री में कार्ड मिलेगा।देशभर में आयुष्मान भारत योजना के तहत 10 करोड़ परिवार और जिसमे सदस्यों की संख्या 54 करोड़ है. अब तक करीब सवा करोड़ कार्ड ही बन पाया है यानी एक बड़ा गैप है जिसे भरना सरकार का उद्देश्य है. नेशनल हेल्थ स्कीम के सीईओ आर एस शर्मा ने न्यूज 18 इंडिया से खास बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जो विजन है कि गरीब की जेब पर बोझ न पड़े उसी के तहत सरकार सपोर्ट कर रही है.

 

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