दिल्ली

संसद परिसर में धरना, भूख हड़ताल बैन, धार्मिक कार्यक्रमों पर भी रोक, जयराम रमेश बोले- विषगुरु का नया धमाका

पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मॉनसून सत्र से पहले केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया है।

नई दिल्ली

संसद भवन में असंसदीय शब्दों को लेकर विवाद अभी खत्म भी नहीं हुआ कि शुक्रवार को राज्यसभा सचिवालय ने एक नया सर्कुलर जारी कर दिया। इसमें कहा गया है, “संसद भवन परिसर में कोई भी सदस्य धरना, हड़ताल, उपवास या किसी धार्मिक समारोह का आयोजन नहीं कर सकता है।” 18 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से पहले राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी ने नया बुलेटिन जारी किया है जिसमें ये बातें कही गई हैं।

कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा में पार्टी के चीफ व्हिप जयराम रमेश ने इस सर्कुलर को ट्विटर पर शेयर करते हुए मोदी सरकार पर हमला बोला है। 14 जुलाई को जारी किए गए सर्कुलर को लेकर तंज कसते हुए जयराम रमेश ने कहा, “विषगुरु की नवीनतम सलाह – D(h)arna Mana Hai!”

22 सितंबर को रातभर 8 निलंबित सांसदों ने दिया था धरना
इसके पहले 22 सितंबर 2020 में को जब कृषि कानूनों को लेकर देश में किसान आंदोलन चल रहा था तब राज्यसभा में हुए हंगामे के चलते विपक्ष के आठ सांसदों निलंबित कर दिया गया था। इन निलंबित सांसदों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए रातभर संसद भवन परिसर में धरना दिया। निलंबित होने वाले सांसदों में टीएमसी के डेरेक ओ’ब्रायन और डोला सेन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, कांग्रेस नेता राजीव सातव, रिपुन बोरा और सैयद नासिर हुसैन और माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम शामिल थे।

किसी भी शब्द पर प्रतिबंध नहीं लगाः ओम बिड़ला
इसके पहले लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने गुरुवार को बताया कि किसी भी शब्द पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। उन्होंने कहा इस मामले में विपक्ष को गलफहमी में नहीं रहना चाहिए और न ही ऐसी गलतफहमियां फैलानी चाहिए। उन्होंने कहा हमने किसी भी शब्द पर बैन नहीं लगाया है लेकिन उन शब्दों को हटा दिया है जिसको लेकर आपत्तियां थीं।

पहले संसद भवन में इफ्तार पार्टियों का भी आयोजन होता था
संसद भवन में इसके पहले भी सांसद धरना, प्रदर्शन,भूख हड़ताल पर बैठ जाते थे लेकिन अब नए सर्कुलर के मुताबिक कोई भी सदस्य ऐसा नहीं कर पाएगा। आपको बता दें कि इसके पहले भी संसद भवन में इफ्तार पार्टियां भी की जाती रहीं हैं लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद से ये सब बंद हो गया था लेकिन अब इस नये सर्कुलर के मुताबिक तो किसी संसद भवन परिसर में किसी भी धार्मिक उत्सव पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।

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