India vs England: मैन ऑफ द सीरीज चुने गए रविचंद्रन अश्विन ने बताया, आसान नहीं था वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचना
नई दिल्ली
अपनी घूमती गेंदों पर इंग्लिश बल्लेबाजों को पूरी टेस्ट सीरीज में नचाने वाले रविचंद्रन अश्विन ने कहा है कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचना कोई मजाक नहीं था। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूटीसी के फाइनल में पहुंचना टीम इंडिया के लिए काफी मायने रखता है और यह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली जीत से भी ज्यादा कठिन काम था। अश्विन ने चार मैचों की टेस्ट सीरीज में कुल 32 विकेट चटकाए। अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए चौथे टेस्ट में ऑफ स्पिनर ने 8 विकेट अपने नाम किए, जबकि अक्षर पटेल ने 9 विकेट झटके। इन दोनों की जोड़ी के आगे इंग्लिश बल्लेबाजों की एक नहीं चली और भारत ने चौथे टेस्ट मैच को पारी और 25 रनों से अपने नाम किया।
रविचंद्रन अश्विन ने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया को हराकर शिखर पर पहुंचना फिर भी इतना मुश्किल नहीं था, लेकिन विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल की बात करें तो इसमें होना कोई मजाक नहीं है। यह हमारे लिए बहुत मायने रखता है, क्योंकि यह विश्व कप के जितना ही अच्छा है। ऑस्ट्रेलिया में अधिक होने के बावजूद चेन्नई में पहले टेस्ट में एनर्जी कम थी। हर बार सीरीज में एक चुनौतीपूर्ण समय आया और हमारे किसी न किसी खिलाड़ी न ऐसे मुश्किल समय में अपने बलबूते पर टीम को उभारा, जिसकी वजह से हम यह श्रृंखला जीते।’
अश्विन ने अपने प्रदर्शन पर बात करते हुए कहा, ‘पिछले चार महीने काफी उतार-चढ़ाव वाले रहे। मुझे नहीं लगा था कि मैं चेन्नई में शतक बनाऊंगा, मैं फ्लो के साथ गया, क्योंकि बल्ले से मेरा फॉर्म शानदार नहीं था। मुझे यह भी नहीं लगा था कि मैं ऑस्ट्रेलिया में एकादश में रहूंगा, लेकिन कई खिलाड़ियों, खासतौर रवींद्र जडेजा के चोटिल होने के बाद मुझ पर और अधिक जिम्मेदारी थी और मैं ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ अपने प्रदर्शन से संतुष्ट हूं। हताश और संतुष्ट रहना बुरा है, लेकिन मेरे लिए खुश रहना महत्वपूर्ण है और मैं अपनी तकनीक पर भरोसा जताया और बल्लेबाजों की कमजोरियों पर काम किया और मुझे खुशी है कि यह मेरे लिए अच्छा साबित हुआ।’