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मुस्लिम शादियां भी POCSO एक्‍ट के दायरे में,:केरल हाईकोर्ट

मुस्लिम शादियां भी POCSO एक्‍ट के दायरे में, केरल हाईकोर्ट का बड़ा फैसला…..

 बच्‍चों को यौन प्रताड़ना से बचाने और इसके दोषियों पर सख्‍त से सख्‍त कार्रवाई करने के लिए खास तौर पर पॉक्‍सो कानून लाया गया. नाबालिग बच्‍चे-बच्चियों के संरक्षण की दिशा में इसे बड़ा कदम माना गया. केरल हाई कोर्ट ने पॉक्‍सो एक्‍ट और मुस्लिम शादियों को लेकर बड़ा फैसला दिया है.

कोच्चि.

केरल हाई कोर्ट ने मुस्लिम समुदाय में होने वाली शादियों और POSCO एक्‍ट को लेकर बड़ा फैसला दिया है. हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यदि दो पार्टीज के बीच शादी होती है और उनमें से एक नाबालिग है तो अपराध होने के स्थिति में उससे जुड़ा मामला पॉक्‍सो एक्‍ट के तहत चलेगा. फिर चाहे वह शादी धार्मिक कानूनी प्रावधानों के तहत मान्‍य ही क्‍यों न हो. केरल हाई कोर्ट का यह फैसला पूर्व में देश के कुछ उच्‍च न्‍यायालयों की ओर से दिए गए फैसलों से पूरी तरह अलग है.

केरल हाई कोर्ट का यह फैसला पूर्व में देश के कई उच्‍च न्‍यायालय की ओर से दिए गए फैसले के विपरीत है. पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट, दिल्‍ली हाईकोर्ट और कर्नाटक हाईकोर्ट भी इस मसले पर पूर्व में फैसले दे चुकी है. इन उच्‍च न्‍यायालयों ने विभिन्‍न मामलों पर सुनवाई करते हुए कहा था कि यदि मुस्लिम समुदाय में कोई किसी नाबालिग से शादी करता है तो उसे पॉक्‍सो एक्‍ट के तहत अपराध नहीं माना जा सकता है. केरल हाई कोर्ट का फैसला इसके उलट है. एक जमानत याचिका पर सुनवाइ करते हुए जस्टिस बेचू कुरियन थॉमस ने कहा, ‘पर्सनल लॉ के तहत हुईं मुस्लिम शादियां पॉक्‍सो एक्‍ट के दायरे से बाहर नहीं हैं.’

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