क्राइम

टैक्सी ड्राइवरों की हत्या कर मगरमच्छों को खिलाने वाला ‘डॉक्टर डेथ’ ऐसे पकड़ा गया

देवेंद्र शर्मा के खिलाफ हत्या, अपहरण, लूट समेत कुल 27 संगीन मामले दर्ज हैं. वह सात मामलों में उम्रकैद की सजा भुगत रहा है, और एक मामले में उसे मौत की सजा भी सुनाई जा चुकी है.

दौसा

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बेहद खतरनाक और कुख्यात अपराधी को गिरफ्तार (Serial Killer Devendra Sharma Arrested) किया है, जिसे देश की आपराधिक दुनिया में ‘डॉक्टर डेथ’ के नाम से जाना जाता है. आरोपी की पहचान देवेंद्र शर्मा के रूप में हुई है, जो आयुर्वेदिक डॉक्टर होते हुए भी सीरियल किलिंग, अवैध किडनी रैकेट और हत्या जैसे कई जघन्य अपराधों में शामिल रहा है.

67 साल के देवेंद्र शर्मा ने 2023 में तिहाड़ जेल से पैरोल मिलने के बाद वापसी नहीं की और फरार हो गया था. इसके बाद वह राजस्थान के दौसा जिले में एक आश्रम में पुजारी के वेश में छिपकर रह रहा था. दिल्ली क्राइम ब्रांच की आरके.पुरम यूनिट ने लंबी और गोपनीय जांच के बाद उसे गिरफ्तार किया है.

सीरियल किलर बना आयुर्वेदिक डॉक्टर

देवेंद्र शर्मा उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का रहने वाला है और उसने 1984 में बिहार से बी.ए.एम.एस. (BAMS) की डिग्री हासिल की थी. शुरुआती दिनों में वह राजस्थान के बंदीकुई में ‘जनता क्लिनिक’ नाम से अपनी आयुर्वेदिक क्लिनिक चलाता था, लेकिन 1994 में एक गैस एजेंसी घोटाले में 11 लाख रुपये की ठगी का शिकार होने के बाद उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा.

1995 से 2004 के बीच उसने अवैध गैस एजेंसी, किडनी रैकेट और फिर टैक्सी ड्राइवरों की भयावह सीरियल किलिंग शुरू की. देवेंद्र शर्मा और उसके साथियों ने सैकड़ों टैक्सी और ट्रक ड्राइवरों को अगवा कर उनकी हत्या कर दी, और उनके शव उत्तर प्रदेश के कासगंज स्थित हजारा नहर में मगरमच्छों के हवाले कर दिए ताकि कोई सबूत न मिले.

 

125 से अधिक किडनी ट्रांसप्लांट कराए

1998 से 2004 के बीच देवेंद्र शर्मा ने एक अन्य डॉक्टर अमित के साथ मिलकर अवैध किडनी ट्रांसप्लांट का रैकेट चलाया. उसने स्वीकार किया कि उसने 125 से ज्यादा ट्रांसप्लांट में मध्यस्थ की भूमिका निभाई और हर केस में उसे 5 से 7 लाख रुपये मिले.

गिरफ्तारी का ऑपरेशन

पैरोल जंप करने के बाद से आरोपी की तलाश में लगी दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने छह महीने तक लगातार अलीगढ़, जयपुर, दिल्ली, आगरा, प्रयागराज और दौसा में सर्च ऑपरेशन चलाया. गुप्त सूचना के आधार पर टीम दौसा पहुंची, जहां आरोपी आश्रम में खुद को साधु बताकर रह रहा था.

टीम ने पहले खुद को उसके शिष्य बताकर पुष्टि की और फिर सही समय पर उसे गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद उसने पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल किया और बताया कि उसने फिर से जेल न लौटने की योजना बना ली थी.

पैरोल पर पहले भी भाग चुका है

यह पहली बार नहीं है जब देवेंद्र शर्मा ने पैरोल का दुरुपयोग किया हो. 2020 में भी वह 20 दिन की पैरोल पर बाहर आया था और सात महीने तक फरार रहा. जब उसके अपराध सार्वजनिक हुए तो 2004 में उसकी पत्नी और बच्चे भी उसे छोड़कर चले गए थे.

गंभीर आपराधिक इतिहास

देवेंद्र शर्मा के खिलाफ हत्या, अपहरण, लूट समेत कुल 27 संगीन मामले दर्ज हैं. वह सात मामलों में उम्रकैद की सजा भुगत रहा है, और एक मामले में उसे मौत की सजा भी सुनाई जा चुकी है.

 

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