गर्मियों में जरूर पीएं इस फल का रस, नहीं पड़ेगी दवा की जरूरत, कब्ज और पीलिया से मिलेगी राहत, हमेशा रहेंगे फेश

डॉ नागेंद्र नारायण शर्मा ने बताया कि गन्ने का रस स्वादिष्ट होता है और इसे पीने से आपके शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है. गर्मियों में पसीना और चिलचिलाती धूप शरीर की सारी ताकत खत्म कर देती है और डिहाइड्रेट कर देती है.
कोरबा
गर्मी की शुरुआत हो गई है और जगह-जगह गन्ने का रस बिकना शुरू हो गया है. अगर आप गर्मियों में शरीर को ठंडा रखने के साथ कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचने व उनका इलाज करना चाहते हैं, तो आपको गन्ने का रस जरूर पीना चाहिए. लेकिन सावधान गन्ने के रस में बर्फ डालना नुकसानदायक होता है. लेकिन गन्ने का रस पीने के फायदे के साथ इसका सेवन किस समय करना सही होता है, यह भी जानना जरूरी है. गन्ने के रस के पीने के फायदे और पीने के सही समय को लेकर आयुर्वेद विशेषज्ञ से हमने बातचीत की.
डॉ नागेंद्र नारायण शर्मा ने बताया कि गन्ने का रस स्वादिष्ट होता है और इसे पीने से आपके शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है. गर्मियों में पसीना और चिलचिलाती धूप शरीर की सारी ताकत खत्म कर देती है और डिहाइड्रेट कर देती है. ऐसे में गन्ने का ताजा रस शरीर को तरोताजा कर ऊर्जा प्रदान करता है. गन्ने का रस विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है और यह लिवर के लिए बेहतर होता है. साथ ही इसमें फाइबर की मात्रा काफी पाई जाती है जो आंतों को भी साफ करती है. इसलिए पीलिया के मरीजों को गन्ने के रस का सेवन करने की सलाह दी जाती है. अगर आपका पाचन तंत्र कमजोर है, तो आपको गन्ने का रस पीना चाहिए. गन्ने के रस में मौजूद पोटेशियम पेट में पीएच लेवल को संतुलित करता है. गन्ने के रस में सोडियम, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन जैसी पोषक पाए जाते हैं.
गन्ने का रस कब पीना चाहिए?
डॉ नागेंद्र नारायण शर्मा ने बताया कि गन्ने के रस का सेवन सुबह नाश्ता के पहले खाली पेट करना अच्छा होता है. साथ ही दोपहर को भोजन करने के दो-तीन घंटे के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए. नियम अनुसार सेवन करने से गन्ने का रस शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है. जब हम तेज धूप से आकर सीधे बर्फ वाला पानी पीते हैं, तब यह पानी शरीर के टेम्परेचर से मेल नहीं खाता. इससे शरीर का टेम्परेचर बिगड़ जाता है. जिससे हम बीमार पड़ने लगते हैं. यह हमारे पाचनतंत्र को बिगाड़ देता है. बर्फ अगर साफ पानी से नहीं जमाया गया है, पानी गंदा है तो उससे हेपेटाइटिस ए और ई वायरस होने का रिस्क रहता है.