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बिहार में अब ये क्या हुआ? अचानक क्यों बढ़ी नीतीश-तेजस्वी की टेंशन, किसके संग होगा खेला? डेटा से समझें

बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले किसी बड़े खेला होने की अटकलें हैं. खुद तेजस्वी यादव ने बयान देकर सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है कि बिहार में अभी खेल बाकी है. वहीं, जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी कहा है कि फ्लोर टेस्ट में खेला तो होगा ही.

पटना

बिहार में एक बार फिर से सियासी हलचल बढ़ गई है. बिहार विधानसभा में 12 फरवरी को नीतीश सरकार की अग्निपरीक्षा है. मगर फ्लोर टेस्ट से पहले ही दोनों खेमों में खलबली मच गई है. बिहार में एक साथ नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की टेंशन बढ़ गई है. फ्लोर टेस्ट से पहले अपने विधायकों को एकजुट रखने की कोशिश में जुटी राजद और जदयू के विधायक नाराज बताए जा रहे हैं. बिहार में एक ओर जहां तेजस्वी यादव के 12 विधायक गायब बताए जा रहे हैं और उनका फोन नॉट रिचेबल आ रहा है. वहीं नीतीश कुमार की जदयू में भी खलबली है और उनके कुछ विधायक भी नाराज हो गए हैं.

बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले किसी बड़े खेला होने की अटकलें हैं. खुद तेजस्वी यादव ने बयान देकर सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है कि बिहार में अभी खेल बाकी है. वहीं, जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी कहा है कि फ्लोर टेस्ट में खेला तो होगा ही. बिहार में हर पल हो रही हलचल को देखते हुए तेजस्वी यादव ने अपने सभी विधायकों को पटना बुलाया है. आज शाम राबड़ी देवी आवा पर राजद विधायक दल की बैठक होगी. बताया जा रहा है कि तेजस्वी यादव ने सबको पटना में ही रहने को कहा है. हालांकि, इस बीच तेजस्वी यादव के लिए टेंशन की बात यह है कि उनकी पार्टी के करीब 12 विधायकों के फोन नहीं लग रहे हैं.

सूत्रों ने कहा कि आज राजद विधायक दल की तेजस्वी यादव की अगुवाई में पटना में अहम बैठक है. इस बैठक में बुलाने पर फोन पर राजद के 12 विधायकों से बात नहीं हो पाई है. ये विधायक नॉट रिचेबल है. उनका फोन ही नहीं लग रहा है. इस पर जदयू के नीरज कुमार का कहना है कि जिनका फोन ही स्विच ऑफ है, इससे साफ है कि नीतीश कुमार का काम बोलता है. कांग्रेस अपने विधायको को मंदिर में कसम खिला रही है. फ्लोर टेस्ट में खेला तो होगा ही…मेला लगेगा.

हालांकि, तेजस्वी यादव के साथ ही नीतीश कुमार की भी टेंशन बढ़ गई है. सूत्रों की मानें तो फ्लोर टेस्ट से पहले जदयू में भी नाराजगी की खबर है. कुछ नाराज जदयू विधायक आज जदयू के भोज में शामिल नहीं हो सकते हैं. आज यानी शनिवार को जेडीयू नेता और बिहार सरकार में मंत्री श्रवण कुमार के यहां विधायकों का भोज. मगर इस भोज में 5 जदयू विधायक शामिल हीं हो सकते हैं. पार्टी की ओर से भोज के लिए फोन किए जाने पर कई जदयू विधायकों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. कई विधायकों ने तो यहां तक कह दिया है कि आप सदन में वोट करा लीजिए, हमारी आपको क्या जरूरत. बता दें कि कल यानी रविवार को जदयू विधायक दल की बैठक है और इसमें भी कुछ नाराज विधायकों के नहीं जाने की संभावना है.

अब किसका पलड़ा भारी
अब बिहार में जो स्थिति बन रही है, इसमें राजद और जदयू दोनों के साथ खेला होने की संभावना है. अभी जदयू, भाजपा वाले गठबंधन एनडीए के विधायकों की संख्या 127. एनडीए के घटक दल भाजपा के पास 78, जदयू 45 और जीतनराम मांझी की हम के पास चार विधायक हैं. बिहार में विधानसभा सदस्यों की संख्या 243 है, जबकि बहुमत का आंकड़ा 122 है. फिलहाल तो नीतीश सरकार काफी सुरक्षित है. मगर जिस तरह से जदयू विधायकों की नाराजगी सामने आ रही है, ऐसे में तेजस्वी ने कुछ खेल किया तो बिहार में फिर बड़ा उलटफेर हो सकता है. हालांकि, राजद के भी कुछ विधायकों के फोन बंद है, ऐसे में जदयू भी तेजस्वी का खेल बिगाड़ सकती है.

राजद की क्या स्थिति
वहीं राजद गठबंधन को देखें तो फिलहाल, बिहार में राजद के पास 79 सीटें हैं. कांग्रेस की 19, सीपीआई (एमएल) की 12, सीपीआई (एम) की 2 सीटों को मिलाकर राजद गठबंधन में सीटों का आंकड़ा 112 पहुंचता है. बिहार में जिस तरह से जीतनराम मांझी का स्टैंड दिख रहा है, ऐसे में अगर राजद जीतन राम मांझी की पार्टी हम के 4 विधायकों, एआईएमआईएम के 1 विधायक और 1 निर्दलीय विधायक को अपने पाले में लाने में सफल हो जाती है तो फिर फ्लोर टेस्ट वाले दिन कुछ भी हो सकता है. हालांकि, इन सबको मिलाकर राजद गठबंधन के पास कुल 118 सीटें हो जाती हैं. ऐसे में उसे बहुमत का आंकड़ा छूने के लिए 4 और विधायकों की जरूरत होगी. जिस तरह से जदयू विधायक नाराज दिख रहे हैं, ऐसे में बिहार कभी भी कुछ भी हो सकता है. बहरहाल, अभी बिहार में नीतीश सरकार का ही पलड़ा भारी है.

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