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रोहित शर्मा का चहेता हुआ रिंकू सिंह का फैन, कहा- मैच फिनिश करना सीखना है, टी20 विश्व कप पर नजर

तिलक वर्मा ने रिंकू सिंह से एक सीजन पहले आईपीएल में अपनी छाप छोड़ दी थी लेकिन हैदराबाद का यह युवा खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम के अपने साथी से टी20 के करीबी मैचों को ‘फिनिश’ (मैच का सकारात्मक अंत) करने कि कला सीखना चाहता है.

तिरुवनंतपुरम.

बीसीसीआई की टी20 लीग इंडियन प्रीमियर लीग में जलवा बिखेरने वाले युवा अब टीम इंडिया में अपना दम दिखा रहे हैं. रोहित शर्मा की कप्तानी वाली आईपीएल टीम मुंबई इंडियंस के लिए खेलने वाले तिलक वर्मा इस वक्त ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज में खेल रहे हैं. उन्होंने रिंकू सिंह से एक सीजन पहले आईपीएल में अपनी छाप छोड़ दी थी लेकिन हैदराबाद का यह युवा खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम के अपने साथी से टी20 के करीबी मैचों को ‘फिनिश’ (मैच का सकारात्मक अंत) करने कि कला सीखना चाहता है.

रिंकू ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने संक्षिप्त करियर में अपनी क्षमता का अच्छा परिचय दिया है. आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से खेलने वाले बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने इस टी20 टूर्नामेंट में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में नाथन एलिस की नोबॉल के कारण रिंकू सिंह का विजयी छक्का नहीं गिना गया लेकिन उनकी डेथ ओवरों में अच्छी बल्लेबाजी करने की सभी ने सराहना की. भारत ने इस मैच में ऑस्ट्रेलिया को दो विकेट से हराया था.

तिलक ने पांच मैच की सीरीज के दूसरे मैच की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘मैच को कैसे फिनिश करना है इसकी कला मैं रिंकू से सीख रहा हूं क्योंकि वह भारत की तरफ से लगातार ऐसा कर रहा है. मैं भी ऐसा करना चाहता हूं और उम्मीद है कि आगामी मैचों में मैं ऐसा करने में सफल रहूंगा.’’

तिलक भी रिंकू की तरह बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं. उन्होंने भारत की तरफ से अभी तक 11 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं जिनमें उन्होंने दो अर्धशतक लगाए हैं और उनका स्ट्राइक रेट 140 से अधिक है. उन्होंने कहा,‘‘मुझ पर अपेक्षाओं का दबाव नहीं है. मेरी एक भूमिका है और मुझे टीम के लिए वह भूमिका निभानी है. मुझे नंबर पांच पर अपनी भूमिका निभानी है और परिस्थिति के अनुसार लंबे शॉट खेलने हैं या फिर स्ट्राइक रोटेट करनी है.’’

तिलक ने पिछले मैच में भी अपनी भूमिका के बारे में बताया. उन्होंने कहा, ‘‘पिछले मैच में एक छोर से लेग स्पिनर गेंदबाजी कर रहा था और मैं उस पर हावी होना चाहता था क्योंकि तब हमें प्रति ओवर 10 रन की जरूरत थी। इसलिए यह फैसला किया गया कि मैं लेग स्पिनर पर जबकि क्रीज पर पांव जमा चुके सूर्या भाई (सूर्यकुमार यादव) तेज गेंदबाजों के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाएंगे.’’

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