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सिर्फ बुनियादी ढांचागत काम ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, शैक्षणिक सुविधाएं भी शहरी विकास के मानक हैं : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली
विकास के अलग-अलग पैमानों को लेकर सुप्रीम कोर्ट जज ने अहम टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, सिर्फ बुनियादी ढांचागत काम ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, शैक्षणिक सुविधाएं भी शहरी विकास के मानक हैं।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश, जस्टिस अभय ओका ने विकास के मानकों को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने शनिवार को महाराष्ट्र के ठाणे में एक कार्यक्रम में कहा, शहरी विकास केवल ऊंची इमारतों, बड़े फ्लाईओवरों और सड़कों तक ही सीमित नहीं होने चाहिए। जस्टिस ओका के मुताबिक शहरी विकास किफायती चिकित्सा सुविधाओं और शैक्षणिक संस्थानों जैसे मापदंडों पर भी निर्भर होना चाहिए।
यमूर्ति ओका ने कहा, अब यह तय करने का समय आ गया है कि किसी भी शहर के विकास के मानक क्या हैं। जो अल्वारेस की किताब- ‘ठाणे- द इटरनल सिटी’ के विमोचन कार्यक्रम में जस्टिस ओका ने कहा, ठाणे शहर में एक समृद्ध विरासत और इतिहास है, लेकिन शहर की झीलें और उद्योग समय के साथ गायब हो चुके हैं।
उन्होंने ठाणे नगर निगम आयुक्त अभिजीत बांगर की पहल पर शुरू व्याख्यान श्रृंखला की सराहना की। जस्टिस ओका के अनुसार, ऐसी सीरीज से नागरिकों को इतिहास के अलावा रीति-रिवाजों और परंपरा जैसे विषयों पर शिक्षित करने में मदद मिलती है।