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पिंजरे में बंद तोता बन गया चुनाव आयोग, भाजपा के पक्ष में अपना रहा दोहरा मापदंड : संजय राउत

शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने आरोप लगाया कि अमित शाह की तरह का बयान कांग्रेस के किसी नेता ने दिया होता तो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरह चुनाव आयोग भी वारंट लेकर दरवाजे पर होता।

मुंबई

भारत का निर्वाचन आयोग (ईसीआई) पिंजरे में बंद तोता और दिखावा बन गया है और ‘भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में दोहरा मापदंड अपना रहा है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने रविवार को यह आरोप लगाया।

शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ में अपने साप्ताहिक कॉलम ‘रोकथोक’ में राउत ने आरोप लगाया कि पांच राज्यों में जहां (नवंबर में) विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, वहां अपनी हार को देखते हुए भाजपा मतदाताओं को लुभाने के लिए धार्मिक प्रचार का सहारा ले रही है।

मध्य प्रदेश में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पिछले सप्ताह दिए गए उस बयान का हवाला देते हुए राउत ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से धार्मिक आधार पर प्रचार है, जिसमें उन्होंने लोगों से वादा किया था कि यदि भाजपा सत्ता में आती है तो वह अयोध्या में राम मंदिर के लिए सरकार द्वारा यात्राएं आयोजित कराएगी।

शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सदस्य ने आरोप लगाया कि अगर इस तरह का बयान कांग्रेस के किसी नेता ने दिया होता तो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरह चुनाव आयोग भी वारंट लेकर दरवाजे पर होता।

राउत ने कहा कि मतदाताओं को रिश्वत देकर वोट हासिल करना चौंकाने वाला है और चुनाव आयोग ने अपनी आंखें बंद कर ली हैं, जो लोकतंत्र के लिए हानिकारक है। अयोध्या में राम मंदिर की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है।

उन्होंने आगे कहा, (पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त) टीएन शेषन ने अपने कार्यकाल के दौरान दिखाया कि चुनाव आयोग को दहाड़ने की भी जरूरत नहीं है, उसे बस अपनी पूंछ हिलानी है और यह सभी राजनीतिक दलों में डर पैदा करेगा। चुनाव आयोग दिखावा बनकर रह गया है।

उन्होंने आरोप लगाया,  (मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम जैसे पांच राज्यों में चुनाव प्रचार के दौरान) जो कुछ भी हुआ है, उसने साबित कर दिया है कि चुनाव आयोग पिंजरे में बंद तोता बन गया है।

राउत ने कहा कि जब शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे ने 1987 के विले पार्ले उपचुनाव में हिंदुत्व के मुद्दे पर पार्टी उम्मीदवार रमेश प्रभु के लिए वोट मांगे थे तो उनका मतदान का अधिकार छह साल के लिए रद्द कर दिया गया था। उपचुनाव जीतने वाले शिवसेना विधायक सूर्यकांत महादिक, रमाकांत मयेकर और प्रभु को अयोग्य घोषित कर दिया गया था।  उन्होंने कहा, ‘उन्होंने (भाजपा) चुनाव आयोग और अन्य संवैधानिक निकायों का प्रबंधन किया और हिंदुत्व की लड़ाई लड़ी।’

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने गुरुवार को शाह के राम मंदिर दौरे के वादे को लेकर चुनाव आयोग को पत्र लिखा और व्यंग्यात्मक अंदाज में पूछा कि क्या चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता में ढील दी है। पत्र में, शिवसेना (यूबीटी) ने चुनाव आयोग पर भाजपा के पक्ष में “दोहरे मानदंड” अपनाने का आरोप लगाया।

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