पश्चिमी देशों में क्यों धूम मचाने लगा है भारतीय हर्ब्स अश्वगंधा, तनाव भगाने में जादू की तरह कर रहा असर, जानिए इसकी खूबी

पश्चिमी देशों में भारतीय आयुर्वेदिक दवा या जड़ी-बूटी अश्वगंधा धूम मचा रही है. हजारों लोग तनाव भगाने के लिए अश्वगंधा का इस्तेमाल करने लगे हैं.
आयुर्वेद दुनिया के लिए भारत की अमूल्य चिकित्सा पद्धति है. इसमें जड़ी-बूटियों का चूर्ण बनाकर इलाज किया जाता है जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है. यही कारण है आज दुनिया भर भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धित लोकप्रिय हो रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी देशों में अश्वगंधा पाउडर के चमत्कारिक गुण बेहद लोकप्रिय हो रहा है जिसकी चर्चा वहां की सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा हो रही है. सोशल मीडिया में अश्वगंधा को स्ट्रेस रिलीवर को रूप में बताया जा रहा है. एक्सपर्ट और डॉक्टर भी इसकी सच्चाई बयां कर रहे हैं.
सोशल मीडिया पर धूम
मेडिकल न्यूज टूडे की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें कोई दो राय नहीं कि तनाव हमारी हेल्थ के लिए सबसे बड़ा दुश्मन है. यह ऑवरऑल शरीर को पंगु बना देता है. रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर के 44 प्रतिशत कामगार भारी तनाव से गुजर रहे हैं. तनाव के कारण हाई ब्लड प्रेशर और कई तरह के हार्ड डिजीज होते हैं. तनाव के कारण नींद में कमी आती है और इससे इम्यूनिटी बहुत कमजोर हो जाती है. तनाव के कारण पूरा मेटाबोलिक हेल्थ गड़बड़ा जाता है. चूंकि अश्वगंधा तनाव को कम करता है, यही कारण है कि पश्चिमी देशों में अश्वगंधा का सेवन बेहद पॉपुलर हो रहा है. इसलिए सोशल मीडिया पर हर कोई अश्वगंधा के सेवन के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. सोशल मीडिया पर इसे ‘ग्लीजी पिल्स’ (“glizzy pills”) के नाम से और hashtag #ashwagandha से प्रचारित किया जा रहा है.
अश्वगंधा के फायदे
रिपोर्ट में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर अश्वगंधा के कई फायदे बताए जा रहे हैं. अश्वगंधा टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन को बढ़ा देता है जिससे कामोत्तेजना में वृद्धि होती है. वहीं यह ब्रेन के फंक्शन को भी तेज करता है. इससे खुशी महसूस होती है. इतना ही नहीं अश्वगंधा के सेवन से आत्मविश्वास आता है और सबसे बड़ी बात कि अश्वगंधा तनाव को दूर करने में रामबाण से कम नहीं है. हम सब जानते हैं अश्वगंधा भारत का देसी पौधा है जो झाड़ियों में उगता है. अश्वगंधा की जड़ से दवा बनाई जाती है.
क्या कहता है विज्ञान
न्यूजटूडे ने जब यह जानना चाहा कि क्या वाकई में अश्वगंधा के इतने फायदे हैं. इस सवाल के जवाब में हेकेनसेक मेरेडियन हेल्थ एंड जर्सी यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के प्रोफेसर डॉ डेविड सी लियोपेल्ड कहते हैं कि अश्वगंधा में विथानोलिडेस नाम का कंपाउड होता है. इसी में औषधीय गुण होता है. उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि अश्वगंधा एक नेचुरल मेडिसीन है जो इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है और मेंटल हेल्थ को दुरुस्त करता है. इससे फिजिकल स्ट्रेस दूर होता है. इधर ओरेगांव हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी के न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. अमाला सौम्यनाथन ने बताया कि अश्वगंधा को लेकर जो लेबोरेटरी स्टडीज हुई है उनमें पाया गया कि अश्वगंधा न्यूरोट्रांसमीटर पाथवे को प्रभावित करता है. इससे कॉर्टिसोल हार्मोन का लेवल कम होता है. यही वह हार्मोन है जिससे इंसान में तनाव होता है. कॉर्टिसोल लेवल जैसे ही कम होता है बॉडी रिलेक्स महसूस करता है दिल को सुकून मिलता है.