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राहुल गांधी का मोदी व अदानी के बीच सांठ-गांठ का अदानी पर नया हमला ?

यह आरोप लगाकर कि केन्द्र सरकार द्वारा देशवासियों को महंगी बिजली बेचने का उद्देश्य गौतम अदानी को फायदा पहुंचाना है

यह आरोप लगाकर कि केन्द्र सरकार द्वारा देशवासियों को महंगी बिजली बेचने का उद्देश्य गौतम अदानी को फायदा पहुंचाना है, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मुश्किल में डाल दिया है। मोदी और अदानी के रिश्तों को लेकर राहुल पिछले लम्बे समय से अनेक खुलासे करते आ रहे हैं जिसके चलते मोदी समेत पूरी भारतीय जनता पार्टी की भरपूर किरकिरी हो चुकी है। यह मामला न केवल भारत में वरन विदेशों में भी गूंज रहा है। संसद के भीतर हो या बाहर, राहुल और उनकी पार्टी इस मुद्दे को लेकर मोदी की घेराबन्दी करती आ रही है। नये आरोप यानी मोदी-भाजपा की नयी मुसीबत।

बुधवार को राहुल गांधी ने दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में प्रसिद्ध अखबार ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ में छपी एक रिपोर्ट का हवाला देकर आरोप लगाया कि अदानी ने 12 हजार करोड़ रुपये का घोटाला किया है। उनका यह भी कहना था कि अदानी की वजह से ही देशवासियों को महंगी बिजली मिलती है। उनके मुताबिक अदानी इंडोनेशिया से कोयला खरीदते हैं और उसका भाव हिन्दुस्तान में दोगुना हो जाता है। अदानी कोयले की कीमत को गलत दिखाते हैं। कांग्रेस नेता का कहना है कि ‘लोग जैसे ही बिजली का स्विच ऑन करते हैं, अदानी की जेब में पैसा जाता है। अदानी की रक्षा भारत के प्रधानमंत्री कर रहे हैं। दुनिया के बाकी देशों में जांच हो रही है लेकिन भारत में अदानी को कोरा चेक दिया गया है। अदानी जो चाहे कर सकते हैं।’ राहुल का साफ कहना था कि ‘लोग 12 हजार करोड़ रुपये का यह आंकड़ा याद रखें।’ उन्होंने सवाल किया- ‘पीएम अदानी की जांच क्यों नहीं कराते?’

उल्लेखनीय है कि राहुल पिछले वर्ष कन्याकुमारी से कश्मीर तक निकाली अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कई बार मोदी व अदानी के बीच सांठ-गांठ का आरोप लगाते रहे। इतना ही नहीं, लोकसभा में भी उन्होंने इस मामले को दमदार तरीके से उठाया था। अदानी के हवाई जहाज में बैठकर प्रधानमंत्री पद के शपथ ग्रहण के लिये दिल्ली आ रहे मोदी की तस्वीर भी उन्होंने संसद में लहराई थी। इसके चलते खूब हंगामा हुआ था। उनके भाषणों के वे हिस्से विलोपित कर दिये गये थे, जिनमें राहुल ने मोदी-अदानी के रिश्तों तथा इस व्यवसायी के कथित घोटालों की पोल खोली थी। इस सबके चलते गुजरात की एक कोर्ट में 2019 के चुनाव प्रचार के दौरान दिये गये एक भाषण को आधार बनाकर राहुल के खिलाफ दाखिल अवमानना मामले की आनन-फानन में सुनवाई कर उन्हें दो साल की सज़ा दिला दी गई थी। उतनी ही तेज गति से उनकी लोकसभा की सदस्यता छीन ली गई थी। करीब चार माह सदन से बाहर रहने के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी सजा पर लगाई गई रोक से सदस्यता बहाल हुई थी।

वैसे सदन के भीतर, सदस्यता के निलम्बन के दौरान, वापस आने के बाद और तत्पश्चात सदन के बाहर राहुल की अदानी को लेकर घेराबन्दी हमेशा जारी रही। मोदी शासनकाल में दुनिया के दूसरे सबसे अमीर बने अदानी को लेकर हिन्डनबर्ग की रिपोर्ट ने मोदी व अदानी को संकट में तो डाला ही था, राहुल को और भी हमलावर बना दिया। उनके बयानों तथा अदानी पर उनके आरोपों की एक तरह से पुष्टि पहले हिन्डनबर्ग रिपोर्ट से हुई। पहले भी प्रतिष्ठित समाचारपत्र ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ ने अदानी को लेकर बड़े खुलासे किये थे। उसी कड़ी के रूप में अब यह नयी रिपोर्ट आई है जिसके आधार पर राहुल ने ताजा हमला बोला है। निश्चित है कि इससे मोदी और केन्द्र सरकार पर नये सवालिया निशान उठेंगे।

फिर, मोदी पर राहुल का नया आक्रमण ऐसे वक्त पर हो रहा है जब पांच राज्यों की विधानसभाओं के लिये अगले महीने चुनाव होने जा रहे हैं। भाजपा ये सभी चुनाव मोदी के चेहरे पर लड़ रही है जिनमें उन्हें एक सफल व साफ-सुथरी छवि का नेता के रूप में प्रोजेक्ट किया जा रहा है, वैसे ही जिस प्रकार से पिछले एक दशक से होता आया है।

हालांकि उनकी यह छवि पहले ही काफी कुछ दरक चुकी है। साथ ही वे सभी मोर्चों पर पूर्णत: नाकाम प्रधानमंत्री भी साबित हो चुके हैं। फिर भी सरकार व संवैधानिक संस्थाओं पर अपनी मजबूत पकड़, संगठन पर एकाधिकार तथा पिछलग्गू मीडिया के बल पर वे अपनी छवि को कथित रूप से यशस्वी पीएम की बनाये रखने की कोशिश करते हैं। ऐसे वक्त में जब मोदी के नेतृत्व में भाजपा हिमाचल प्रदेश व कर्नाटक में चुनाव हार चुकी है और भाजपा पर भ्रष्टाचारियों के साथ मिलकर राज्य की सरकारें बनाने के आरोप हैं, राहुल के नये आरोपों से मोदी की परेशानियां बढ़ना तय है। पहले ही यह माना जा रहा है कि राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत की गुंजाइश शून्य है, जिसका असर अगले साल के मध्य में होने जा रहे लोकसभा चुनावों पर पड़ेगा। राहुल के इन आरोपों में अगर विपक्षी गठबन्धन इंडिया (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूज़िव एलाएंस) ने भी अपने सुर मिलाए तो इसकी गूंज निश्चित ही दूर तलक जाएगी।

मोदी व भाजपा को होने वाला नुकसान केवल 5 राज्यों तक सीमित न रहकर सभी तरफ होगा। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक पहले ही कह चुके हैं कि ‘अदानी का पैसा दरअसल मोदी का पैसा है और मोदी व भाजपा 2024 का चुनाव अदानी की वजह से हारेंगे।’ क्या मलिक की बात सच साबित होने जा रही है? संकेत तो ऐसे ही दिखते हैं।

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