शक्ल इंसानों जैसी और पैर ऑस्ट्रिच के, रहस्यमय है इस समुदाय की कहानी! पांव में होती हैं सिर्फ दो उंगलियां …
एक खास जनजाति के लोगों को दिक्कत ये है कि उनकी शक्ल तो इंसानों जैसी होती है लेकिन पैर ऑस्ट्रिच की तरह दो उंगलियों वाले होते हैं. इसके पीछे एक रहस्य छिपा हुआ है.
दुनिया कोई छोटी नहीं है, ऐसे में यहां रहने वाले भी तरह-तरह के लोग होते हैं. किसी कोने में कुछ चल रहा होता है तो किसी दूसरे कोने में कुछ और. एक जगह पर बैठे हुए लोग ये समझ भी नहीं पाते हैं कि दुनिया की ही किसी और जगह पर कुछ अलग कल्चर हो सकता है. आज हम आपको कुछ ऐसे ही लोगों के बारे में बताएंगे, जिनकी एक अजीब ही खासियत है.
आप इसे खासियत कहेंगे या फिर कमी, ये आप खुद ही तय कर लीजिए लेकिन एक ऐसी जनजाति है, जिनकी पूरी नस्ल ही एक अजीब समस्या से गुजर रही है. इनकी शक्ल-सूरत को इंसानों की ही तरह है लेकिन आप पैर देखते ही दंग रह जाएंगे. इन लोगों के पैरों की बनावट हमारी तरह 5 उंगलियों और पंजों की न होकर सिर्फ 2 उंगलियों वाली है.
सूरत इंसानों सी, पैर ऑस्ट्रिच के!
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक डोमा ट्राइब के नाम से मशहूर इस जनजाति के लोगों को वाडोमा या फिर बंतवाना ट्राइब के नाम से जाना जाता है. इन्हें अक्सर ऑस्ट्रिच पीपल भी कहा जाता है क्योंकि इनके पैर ऑस्ट्रिच के जैसे होते हैं. ये जनजाति जिम्बॉब्वे के कान्येम्बा रीजन में पाई जाती है. इस पूरे समुदाय को एक खास जेनेटिक डिसऑर्डर है, जिसे Ectrodactyly कहा जाता है. इस कंडीशन की वजह से ही इनके पैरों में 5 के बजाय कुल 2 उंगलियां ही होती हैं.
इस जेनेटिक म्यूटेशन को लोब्सटर क्लॉ सिंड्रोम के नाम से जानते हैं. इसमें पैरों से एक या कई उंगलियां जन्म से ही मिसिंग हो जाती हैं. माना जाता है कि डोमा ट्राइब के हर चौथे बच्चे को ये दिक्कत होती है, ज्यादातर लोगों के पैरों के बीच की 3 उंगलियां गायब होती हैं. हालत ये है कि अब इस जनजाति के लोग दूसरे समुदाय में शादी भी नहीं कर सकते हैं क्योंकि उन्हें कानूनी तौर पर इसकी मनाही की गई है. ये लोग न तो ठीक से चल पाते हैं और न ही जूते पहन पाते हैं. सिर्फ पेड़ों पर चढ़ने के मामले में इनका कोई तोड़ नहीं होता.