महाराष्ट्र

‘सड़कों की खराब हालत और गड्ढों से होने वाली मौतें मानव जनित’ सरकार-BMC जिम्मेदार:मुंबई HC

बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि सड़कों, गड्ढों और मैनहोल की खराब स्थिति के कारण होने वाली मौतों का कारण प्राकृतिक नहीं बल्कि मानव जनित है।

मुंबई

बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि सड़कों, गड्ढों और मैनहोल की खराब स्थिति के कारण होने वाली मौतों का कारण प्राकृतिक नहीं बल्कि मानव जनित है और अच्छी व वाहन चलाने योग्य सुरक्षित सड़कें सुनिश्चित करना महाराष्ट्र सरकार और नगर निकायों का संवैधानिक दायित्व है।

मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने पिछले साल अदालत में दिए गए उस सुझाव पर कोई फैसला न लेने के लिए भी राज्य सरकार को फटकार लगाई जिसमें शहर की सभी सड़कों को रखरखाव और मरम्मत कार्य के लिए बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के अधिकार क्षेत्र में सौंपने के लिए कहा गया था।

पीठ वकील रुजू ठक्कर द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मुंबई और पड़ोसी क्षेत्रों में सभी मुख्य सड़कों के साथ गड्ढों की मरम्मत का निर्देश देने वाले 2018 के उच्च न्यायालय के आदेशों को लागू करने में विफल रहने के लिए नागरिक अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग की गई थी।

मुंबई, ठाणे, कल्याण डोम्बिवली, नवी मुंबई, वसई विरार और मीरा भायंदर के नगर निकायों के आयुक्त शुक्रवार को अदालत में मौजूद थे। पीठ ने सभी नगर निगमों को विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और कहा कि बताया जाए कि उसने अदालत द्वारा 2018 में पारित आदेश पर क्या कदम उठाए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाया जा सके।

मुख्य न्यायाधीश उपाध्याय ने कहा, ‘हर दिन कोई न कोई घटना होती है। ये मानव जनित हैं। इन मौतों का कारण प्राकृतिक नहीं, मानव निर्मित है। आपको (सरकार और नगर निकायों को) इसे रोकना होगा। यह आपकी जिम्मेदारी है। आपके पास एक संवैधानिक दायित्व है।’ पीठ ने कहा कि ऐसे मुद्दों पर आदेश पारित करना अदालत का काम नहीं है।

बीएमसी आयुक्त इकबाल चहल ने शुक्रवार को अदालत को बताया कि मुंबई में इस मौसम में बहुत भारी बारिश हुई है और इसके कारण सड़कों की हालत खराब हो गई है। उन्होंने कहा कि मुंबई में सड़कों को पक्का किया जा रहा है और जब भी गड्ढों का मुद्दा उठता है, संबंधित सड़क की मरम्मत की जाती है।

हालांकि, अदालत ने कहा कि तथ्य यह है कि सड़कें अभी भी खराब स्थिति में हैं और पूछा कि सड़कें बारिश का सामना क्यों नहीं कर सकती हैं।’ उन्होंने कहा, ‘स्थिति जस की तस बनी हुई है। किए जाने वाले कार्यों की मात्रा बहुत अधिक है। मैं सांख्यिकी का छात्र रहा हूं और हमें सिखाया गया था कि झूठ के तीन चरण होते हैं। एक झूठ बोलना, दूसरा बहुत झूठ बोलना और तीसरा सांख्यिकीय झूठ है।’

 

 

डोनेट करें - जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर क्राइम कैप न्यूज़ को डोनेट करें.
 
Show More

Related Articles

Back to top button
Crime Cap News
Close