धर्म

विनायक गणेश चतुर्थी व्रत कब है? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

 जो भक्त सच्चे मन से विनायक गणेश चतुर्थी व्रत रखता है और गणपति की पूजा अर्चना करता है उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और विघ्नहर्ता का आशीर्वाद बना रहता है. जातकों के मार्ग में आने वाले संकट और बाधाएं हो जाते हैं.

 

विनायक गणेश चतुर्थी व्रत गणेश भगवान को समर्पित माना जाता है.

विनायक गणेश चतुर्थी व्रत 15 अप्रैल, शनिवार यानी कि कल है. विनायक गणेश चतुर्थी व्रत भगवान के शिव के पुत्र गणेश भगवान को समर्पित माना जाता है. व्रत में भक्त गणेश भगवान की पूजा अर्चना करते हैं और उपवास रखते हैं. हिंदू धर्म शास्त्रों में गणेश भगवान को सर्वप्रथम पूज्य माना जाता है. हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार, हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी पड़ती है. इस बार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी कल है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त सच्चे मन से विनायक गणेश चतुर्थी व्रत रखता है और विधि-विधान से गणपति की पूजा अर्चना करता है उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उसपर सदा विघ्नहर्ता का आशीर्वाद बना रहता है. ऐसे जातकों के मार्ग में आने वाले संकट और बाधाएं स्वतः ही नष्ट हो जाते हैं. व्रत में लॉकडाउन (Covid 19 Second Wave Lockdown) के नियमों का भी पूरा पालन करें. आइए जानते हैं विनायक गणेश चतुर्थी व्रत और भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि…

विनायक चतुर्थी व्रत का शुभ मुहूर्त:

वैशाख, शुक्ल चतुर्थी

प्रारम्भ – 07:59 सुबह, मई 15
समाप्त – 10:00 सुबह, मई 16

विनायक गणेश चतुर्थी व्रत पूजा विधि:

 

विनायक गणेश चतुर्थी व्रत के दिन जातक ब्रह्म मूहर्त में उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करें. लाल रंग के वस्त्र धारण करें. पूजाघर में सफाई के बाद गणेश भगवान को हाथ जोड़कर प्रणाम करें. धूप जलाएं और 21 दूर्वा अर्पित करें. व्रत का संकल्प लें.

दोपहर में पूजन के समय अपने सामर्थ्य के अनुसार सोने, चांदी, पीतल, तांबा व मिट्टी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित करें. षोडशोपचार पूजन कर श्री गणेश की आरती करें. श्री गणेश की मूर्ति पर सिन्दूर चढ़ाएं. गणेश भगवान के प्रिय मंत्र – ‘ॐ गं गणपतयै नम:’ का जाप करें. श्री गणेश को बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग लगाएं. पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करें.

शाम के समय गणेश चतुर्थी कथा, श्रद्धानुसार गणेश स्तुति, श्री गणेश सहस्रनामावली, गणेश चालीसा, गणेश पुराण आदि का स्तवन करें. संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करके श्री गणेश की आरती करें. शाम के समय भोजन ग्रहण करें.(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं मान्यताओं पर आधारित हैं.क्राइम कैप न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)

डोनेट करें - जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर क्राइम कैप न्यूज़ को डोनेट करें.
 
Show More

Related Articles

Back to top button
Close