MP में 15 दिन में 5484 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल से अंतिम संस्कार, सरकार ने कहा एक साल में हुई 5424 लोगों की मौत

Bhopal. आयोग ने गैर सरकारी आंकड़ों में 19 जिलों में 5484 का कोविड प्रोटोकॉल से अंतिम संस्कार और भोपाल में सबसे ज्यादा 1663 मौत के आंकड़ों पर रिपोर्ट मांगी है. जबकि सरकारी रिकॉर्ड में प्रदेश में एक साल में 5424 मौतें होना बताया गया है.
आंकड़ों में इस भारी अंतर पर अब राज्य मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है.
भोपाल. मध्य प्रदेश में कोरोना से मौत (CORONA) का सच क्या है. मुख्य विश्राम घाट और कब्रिस्तान के आंकड़ों पर यकीन करें तो 15 दिन में 5484 लोगों की मौत हुई है. इन सभी शवों का कोविड प्रोटोकॉल से अंतिम संस्कार किया गया. भोपाल (Bhopal) में सबसे ज्यादा 1663 लोगों की मौत हुई. लेकिन सरकारी आंकड़े एक साल में कोरोना से 5424 लोगों की मौत बता रहे हैं. आंकड़ों में इस ज़मीन आसमान के अंतर पर अब राज्य मानवाधिकार आयोग ने आला अफसरों से जवाब मांगा है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक एक साल मार्च 2020 से 28 अप्रैल 2021 तक 5424 लोगों की मौत कोरोना से हुई. जबकि पिछले 15 दिन में 11 से 25 अप्रैल के बीच कुल 19 जिलों में 12389 मौत हुई। इनमें 6905 सामान्य मौत थीं, जबकि 5484 शवों का अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत किया गया.
थम नहीं रहा मौत का सिलसिला…
भोपाल में सबसे ज्यादा 1663, इंदौर में 511 जबलपुर में 969, ग्वालियर में 247, छिंदवाड़ा में 635, उज्जैन में 125, रतलाम में 288, धार में 24, झाबुआ में 15, बड़वानी में 180 खरगोन में 38, खंडवा में 123, बुरहानपुर में 8, सीहोर में 124, विदिशा में 157, सागर में 200, दमोह में 87, टीकमगढ़ में 52 और अशोक नगर में 38 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल का तहत अंतिम संस्कार किया गया.
इस तरह बढ़ रहा है ग्राफ
-15 अप्रैल को 112 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार हुआ था. जबकि सरकारी आंकड़ों में 4 की मौत बतायी गयी.
-16 अप्रैल को एक दिन में 118 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया गया था. सरकारी आंकड़ों में 6 की मौत हुई.
-17 अप्रैल को 92 शवों का कोविड प्रोटोकॉल से अंतिम संस्कार, सरकारी आंकड़ों में कोरोना से 3 मौत हुई.
-18 अप्रैल को 112 शवों का कोविड प्रोटोकॉल के अंतिम संस्कार साथ किया गया था. सरकारी आंकड़ों में 5 की मौत.
-19 अप्रैल को 123 शवों का अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत किया गया था, सरकारी आंकड़ों में 8 की मौत हुई.
-20 अप्रैल को 148 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार हुआ था. सरकारी आंकड़ों में ये संख्या 5 बतायी गयी है.
-21अप्रैल को 138 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार हुआ था. सरकारी आंकड़ों में 5 का आंकड़ा दर्ज है.
-22 अप्रैल को कोरोना प्रोटोकॉल के तहत 117 शवों का अंतिम संस्कार, सरकारी आंकड़ों में 5 की मौत हुई.
-23 अप्रैल को 131 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार, सरकारी आंकड़ों में 11 की पुष्टि.
-24 अप्रैल को 155 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार. सरकारी आंकड़ों में 5 की मौत.
-25 अप्रैल को 117 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार, सरकारी ने कहा 3 की मौत हुई.
-26 अप्रैल को 126 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार, सरकारी आंकड़ों में 9 की मौत हुई.
-27 अप्रैल को 111 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार हुआ, सरकारी आंकड़ों में 5 दर्ज
-28 अप्रैल को ये संख्या 115 रही. सरकारी आंकड़ों में 3 की मौत बतायी गयी
-29 अप्रैल को 139 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार हुआ था. सरकारी आंकड़ों में 5 की मौत हुई.
मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट
मध्य प्रदेश में कोरोना के इस तांडव से मध्य प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग भी सकते में है. आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने मामले में मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, प्रमुख सचिव, नगरीय विकास और प्रशासन विभाग से 10 मई तक रिपोर्ट मांगी है. अध्यक्ष ने इन अधिकारियों से उपरोक्त भ्रमात्मक स्थिति पर टिप्पणी/प्रतिवेदन देने के लिए कहा है. आयोग ने गैर सरकारी आंकड़ों में 19 जिलों में 5484 का कोविड प्रोटोकॉल से अंतिम संस्कार और भोपाल में सबसे ज्यादा 1663 मौत के आंकड़ों पर रिपोर्ट मांगी है. जबकि सरकारी रिकॉर्ड में प्रदेश में एक साल में 5424 मौतें होना बताया गया है.