ड्यूटी में देरी पर होता है एक्शन, पर 3 अप्रैल से लापता होने पर सरकार चुप, CRPF जवान की पत्नी का सवाल

,नई दिल्ली
बीती 3 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के बीजापुर-सुकमा बॉर्डर पर नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ के बाद से ही लापता सीआरपीएफ जवान राकेश्वर सिंह मनहास की पत्नी ने अब व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए हैं। राकेश्वर सिंह की पत्नी मीनू ने कहा है कि अगर एक जवान ड्यूटी पर पहुंचने में देरी कर दे तो उसके खिलाफ कार्रवाई होती है लेकिन अब जब एक जवान 3 अप्रैल से लापता है तो सरकार चुप बैठी है।
जवान की पत्नी ने कहा, ‘अगर कोई जवान अपनी छुट्टियां खत्म होने के एक दिन बाद ड्यूटी जॉइन करता है तो उसके खिलाफ ऐक्शन होता है। अब जब 3 अप्रैल से जवान लापता है तो सरकार की ओर से कोई ऐक्शन नहीं लिया गया है। हम चाहते हैं कि सरकार कोई मध्यस्थ खोजे ताकि वह (राकेश्वर सिंह) जल्द से जल्द रिहा हों।’
If a jawan reports to his duty a day after his leave ends then action is taken against him. Now that a jawan is missing since April 3 no action has been taken by govt.We want govt to search for a mediator so that he is released: Meenu, wife of CRPF jawan Rakeshwar Singh Manhas pic.twitter.com/id11PHYkh7
बता दें कि 3 अप्रैल को हुए एनकाउंटर में 22 जवान शहीद हो गए थे और 31 घायलों का इलाज चल रहा है। मुठभेड़ के दिन से ही सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन का एक जवान राकेश्वर सिंह मनहास लापता है। नक्सलियों ने चिट्ठी लिखकर यह बताया है कि जवान उनके कब्जे में है। हालांकि, नक्सलियों ने यह शर्त भी रखी है कि सरकार एक मध्यस्थ नियुक्त करे जिसके बाद जवान को वे रिहा करेंगे।
अब राकेश्वसर सिंह के परिवार ने सरकार से इस मामले में कार्रवाई करने की अपील की है और जवान की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करने को कहा है।
नक्सलियों ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा थाा कि तीन अप्रैल को सुरक्षा बल के दो हजार जवान हमला करने जीरागुडेम गांव के पास पहुंचे थे, इसे रोकने के लिए पीएलजीए ने हमला किया है। इस कार्रवाई में 24 जवान मारे गए और 31 घायल हो गए। नक्सलियों ने बयान में कहा है कि एक जवान को बंदी बनाया गया है जबकि अन्य जवान वहां से भाग गए। उन्होंने कहा है कि सरकार पहले मध्यस्थों के नाम की घोषणा करे इसके बाद बंदी जवान को सौंप दिया जाएगा, तब तक वह जनताना सरकार की सुरक्षा में रहेगा।