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गुजरात: मरे हुए आदमी को 4 साल तक मिलती रही मनरेगा की मजदूरी

,नई दिल्ली

गुजरात में मनरेगा के नाम पर उन लोगों के खाते में पैसा जा रहा है जो अब जीवित ही नहीं हैं। उससे ज्यादा हैरानी की बात तो ये है कि खाते से पैसे की लगातार निकासी भी हो रही थी। गुजरात के छोटा उदयपुर जिले में कुछ ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जहां, चार साल पहले मर चुके व्यक्ति के खाते में 1120 रुपए जमा होते रहे और बकायदा उस पैसे की निकासी भी होती रही। मरे हुए व्यक्ति के नाम पर मनरेगा कार्ड भी जारी किया गया है।

यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब वहां के स्थानीय विधायक मोहन सिंह राथवा ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया। गुजरात विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक ने कहा कि छोटा उदयपुर में मनरेगा के नाम पर कई तरह की गड़बड़ियां सामने आई हैं। विधायक ने दावा किया कि मनरेगा के रिकॉर्ड में नाबालिगों को और सरकारी क्षेत्र में नौकरी करने वालों को कई बार भुगतान किए गए हैं।

चार साल पहले हुई थी शख्स की मौत
उन्होंने कहा कि गुजरात के बोडली में चार साल पहले एक शख्स की मौत हो गई थी, उसको भी भुगतान किया गया है। इसी तरह, एक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक मलसिंह राठवा को योजना के तहत 1,120 रुपए दिए गए। अश्विन राठवा जो GEB में कार्यरत हैं उन्हें भी 1,120 रुपये का भुगतान किया गया था। ऐसे की मामले सामने आए हैं जहां पर गलत तरीके से पैसा दिया जा रहा है।

नाबालिगों को भी बनाया गया लाभार्थी
गुजरात विधानसभा में वरिष्ठ विधायको में से एक राथवा नेकहा कि ऐसे कई लोग हैं जो सरकारी कर्मचारी है फिर भी उनको मनरेगा का कार्ड जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि यह इतना बड़ा घोटाला है कि इसमें 13 और 15 साल के नाबालिग को भी लाभार्थी दिखाया गया है और उनके खाते में 1120 रुपए भुगतान किया गया है।

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